Tuesday 8 July 2014

Essence of Murli (Hin.): July 08, 2014:

सार:- “मीठे बच्चे – बाबा आया है तुम्हें ज्ञान रत्न देनेमुरली सुनानेइसलिए तुम्हें कभी भी मुरली मिस नहीं करनी हैमुरली से प्यार नहीं तो बाप से प्यार नहीं
 प्रश्न:- सबसे अच्छा कैरेक्टर कौन-सा हैजो तुम इस नॉलेज से धारण करते हो?

उत्तर:- वाइसलेस बनना यह सबसे अच्छा कैरेक्टर है | तुम्हें नॉलेज मिलती है कि यह सारी दुनिया विशश हैविशश माना ही कैरेक्टरलेस |बाप आया है वाइसलेसवर्ल्ड स्थापन करने | वाइसलेस देवतायें कैरेक्टर वाले हैं | कैरेक्टर सुधरते हैं बाप की याद से |
धारणा के लिए मुख्य सार:-

1. हमारा बाप,सुप्रीम बाप,सुप्रीम टीचर,सुप्रीम सतगुरु है – यह बात सबको सुनानी है | अल्फ़ और बे की पढ़ाई पढ़ानी है |

2. ज्ञान अर्थात् सृष्टि चक्र की नॉलेज को धारण कर स्वदर्शन चक्रधारी बनना है और विज्ञान अर्थात् आवाज़ से परे शान्ति में जाना है | 7 रोज़ का कोर्स लेकरफिर कहाँ भी रहते पढ़ाई करनी है |

वरदान:- देह-भान से न्यारे बन परमात्म प्यार का अनुभव करने वाले कमल आसनधारी भव
कमल आसन ब्राह्मण आत्माओं के श्रेष्ठ स्थिति की निशानी है | ऐसी कमल आसनधारी आत्मायें इस देहभान से स्वतः न्यार रहती हैं | उन्हें शरीर का भान अपनीतरफ़ आकर्षित नहीं करताजैसे ब्रह्मा बाप को चलते फिरते फ़रिश्ता रूप वा देवता रूप सदा स्मृति में रहाऐसे नेचुरल देही-अभिमानी स्थिति सदा रहे इसको कहतेहैं देह-भान से न्यारे | ऐसे देह-भान से न्यारे रहने वाले ही परमात्म प्यारे बन जाते हैं |

स्लोगन:- आपकी विशेषतायें वा गुण प्रभू प्रसाद हैंउन्हें मेरा मानना ही देह-अभिमान है |

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